फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं
फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं
हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं
फिर एक बार उनके तेवर बदलने लगे हैं।
थामा था हाथ जिसका हमने बड़े शौक से
वो भी समझ के नादां हाथ झटकने लगे हैं।
था शौक बहुत इश्क में दिलो जां लुटा सकें
सुना वो इश्क की पूरी इबारत बदल रहे हैं।
हमने तो दिल को रख दिया उनके हुजूर में
अब देखना है रंगे वफ़ा खूँ में जमाल के।
बस एक फकत दिल ही तो था जानिबे पहल
वो भी तो दगा दे गया हुस्न ए यार पे।।
आभार – नवीन पहल – १२.०८.२०२३ ❤️❤️
# आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां प्रतियोगिता हेतु
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Sep-2023 05:41 PM
बहुत ही सुंदर और बेहतरीन रचना
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Milind salve
13-Aug-2023 01:20 AM
Nice
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